कथा

जो जीवन की व्यथा को कम करे, वही कथा सार्थक है ।
(बाक़ी सब तो विकथाएं हैं, समय/शक्ति की बरबादी है )

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  1. यह कथन बिलकुल सही है… अपनी व्यथा को कम करने के लिए, उसका सामना करना चाहिए; तभी आपकी कथा सार्थक होगी एवम् कल्याण होगा ।

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