कर्मोदय
सब कर्मों की वर्गणाऐं उदयकाल आने पर झरती रहतीं हैं ।
पर जिनको बाहरी निमित्त मिल जाता है उनका उदय कहलाता है, इसे रसोदय कहते हैं और बिना फल दिये झरने को प्रदेशोदय कहते हैं ।
पं रतनलाल जी इंदौर
सब कर्मों की वर्गणाऐं उदयकाल आने पर झरती रहतीं हैं ।
पर जिनको बाहरी निमित्त मिल जाता है उनका उदय कहलाता है, इसे रसोदय कहते हैं और बिना फल दिये झरने को प्रदेशोदय कहते हैं ।
पं रतनलाल जी इंदौर