कर्म और भक्ति

अच्छा तो अपने कर्मों से होता है,
अच्छाई भगवान/गुुुुरु की भक्ति से ।

चिंतन – एकता पुणे

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One Response

  1. उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है – – – –
    कम॓ से अच्छे बुरे कायो॓ का परिणाम मिलता है लेकिन भगवान् की श्रद्धा के साथ भक्ति करने पर हमेशा अच्छे परिणाम मिलते हैं।

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