कर्म / जीव
कर्म निर्जीव, सजीव को नचाता कैसे है ?
जैसे अलार्म बजने पर सजीव नाच जाता है। हालाँकि अलार्म भरा जीव ने ही है। नाचना/ न नाचना भी जीव के हाथ में ही है।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
कर्म निर्जीव, सजीव को नचाता कैसे है ?
जैसे अलार्म बजने पर सजीव नाच जाता है। हालाँकि अलार्म भरा जीव ने ही है। नाचना/ न नाचना भी जीव के हाथ में ही है।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने कर्म एवं जीव को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।