कामना- – मन की इच्छाओं को प्रकट करना,
गुरु/भगवान से अपने/अपनों के लिये कुछ मांगना ।
प्रार्थना- – इष्ट के सामने अपनी लघुता को प्रकट करते हुये, शांत रहने/संकट से जूझने की सामर्थ पाने के उदगारों/गुणानुवादों की अभिव्यक्ति ।
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One Response
उक्त कथन सत्य है कि कामना का मतलब मन की इच्छाओं को प़कट करना होता है , इसी प्रकार गुरु और भगवान् से अपने और अपनों के लिए कुछ न कुछ मांगना होता है।
जबकि प़ार्थना का मतलब इष्ट के सामने अपनी लघुता को प़कट करते हुए, शान्त रहने और संकटों से जुझने की सामर्थ पाने के लिए उदगारों और गुणानुवादो की अभिव्यक्ति करना होता है।
अतः जीवन में कभी कामना नहीं करना चाहिए बल्कि जीवन में भगवान् और गुरुओं की प़ार्थना और भक्ति करना चाहिए ताकि सुख, शान्ती मिलती रहे।
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उक्त कथन सत्य है कि कामना का मतलब मन की इच्छाओं को प़कट करना होता है , इसी प्रकार गुरु और भगवान् से अपने और अपनों के लिए कुछ न कुछ मांगना होता है।
जबकि प़ार्थना का मतलब इष्ट के सामने अपनी लघुता को प़कट करते हुए, शान्त रहने और संकटों से जुझने की सामर्थ पाने के लिए उदगारों और गुणानुवादो की अभिव्यक्ति करना होता है।
अतः जीवन में कभी कामना नहीं करना चाहिए बल्कि जीवन में भगवान् और गुरुओं की प़ार्थना और भक्ति करना चाहिए ताकि सुख, शान्ती मिलती रहे।