कार्यसिद्धी
श्रावक के धन और तन रूपी दीपक में जब गुरु के मन और वचन रूपी घी और बाती आ जाती है, तब प्रकाश होता है/सामाजिक कार्यों की सिद्धी हो जाती है ।
मुनि श्री समयसागर जी
श्रावक के धन और तन रूपी दीपक में जब गुरु के मन और वचन रूपी घी और बाती आ जाती है, तब प्रकाश होता है/सामाजिक कार्यों की सिद्धी हो जाती है ।
मुनि श्री समयसागर जी
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सामाजिक और परमार्थ के कार्य सिद्बी हेतु गुरुओं की शरण में जाने पर ही सफलता मिलेगी।गुरु हमारे जीवन में वचन रुपी घी ओर बाती का काम करते हैं जिससे दीपक प़काशमय हो जाता है ।अतः अपनी कार्यों की सिद्बी के लिए गुरु का आश्रय लेना चाहिए।