क्रोध
कमजोर ही अपने से कमजोर पर क्रोध करता/ कर सकता है।
क्रोध करने वाले को शक्तिशाली नहीं कहा जा सकता है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
कमजोर ही अपने से कमजोर पर क्रोध करता/ कर सकता है।
क्रोध करने वाले को शक्तिशाली नहीं कहा जा सकता है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
One Response
मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने क़ोध का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए क़ोध से बचना परम आवश्यक है।