“क्षमा” शब्द “क्षम्” धातु से बना है। “क्षम” यानी धीर, पर्याप्त, अनुकूल, समर्थ।
क्षमा वही करता है जिसमें क्षमता हो।
(कमल कांत)
(यह भी कह सकते हैं… क्षमता के अनुसार क्षमा धारण करें।
क्षमता को अभ्यास से बढ़ाया भी जा सकता है)
Share this on...
4 Responses
कमल कांत ने क्षमा को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। क्षमा जैन धर्म का महत्वपूर्ण भूमिका है। क्षमा धर्म का आभूषण है, इसमें कभी छोटों एवं बडो़ं का ध्यान नहीं रखा जाता है। क्षमा से हर जगह शान्ति एवं प़सन्नता रहती है एवं कटुता समाप्त हो जाती है।
4 Responses
कमल कांत ने क्षमा को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। क्षमा जैन धर्म का महत्वपूर्ण भूमिका है। क्षमा धर्म का आभूषण है, इसमें कभी छोटों एवं बडो़ं का ध्यान नहीं रखा जाता है। क्षमा से हर जगह शान्ति एवं प़सन्नता रहती है एवं कटुता समाप्त हो जाती है।
“धीर’ ka kya meaning hai, please ?
धैर्य रखना।
Okay.