क्षयोपशम भाव
मिथ्यादृष्टि के भी क्षयोपशम-भाव होते हैं,
1 से 12 गुणस्थानों में मतिज्ञान आदि 4 ज्ञान, 3 अज्ञान, 3 दर्शन, दानादि-5लब्धि, सम्यक्त्व, चारित्र और संयमासंयम ।
पं. रतनलाल बैनाड़ा जी
मिथ्यादृष्टि के भी क्षयोपशम-भाव होते हैं,
1 से 12 गुणस्थानों में मतिज्ञान आदि 4 ज्ञान, 3 अज्ञान, 3 दर्शन, दानादि-5लब्धि, सम्यक्त्व, चारित्र और संयमासंयम ।
पं. रतनलाल बैनाड़ा जी