हमारी उम्र इतनी नहीं कि हम ख़ुद हर प्रकार की गलती कर सकें, इसलिये दूसरों की गलतियों से सीख लेना ही होगा ।
(यदि हम अपनी प्रगति तेज करना चाहते हों और गलतियों के जाल से बचना चाहते हों, तो)
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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उक्त कथन सत्य है कि हमारी उम्र इतनी नहीं है कि खुद हर प़कार की गलती कर सकें, इसलिए दूसरों की गलतियों से सीख लेना ही उचित होगा। इसमें यदि हम अपनी प्रगति तेज़ करना चाहते हैं और गलतियों के जाल से बचना चाहते हो तो ऐसा करना आवश्यक है।
अतः दूसरों की गलतियों से अपने को अनुभव होगा तभी अपना कल्याण हो सकता है।
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उक्त कथन सत्य है कि हमारी उम्र इतनी नहीं है कि खुद हर प़कार की गलती कर सकें, इसलिए दूसरों की गलतियों से सीख लेना ही उचित होगा। इसमें यदि हम अपनी प्रगति तेज़ करना चाहते हैं और गलतियों के जाल से बचना चाहते हो तो ऐसा करना आवश्यक है।
अतः दूसरों की गलतियों से अपने को अनुभव होगा तभी अपना कल्याण हो सकता है।