गलती
“गलती” जीवन का एक पन्ना है, पर “रिश्ता” पूरी किताब है ।
जरूरत पड़ने पर गलती का पन्ना फाड़ देना लेकिन एक पन्ने के लिये पूरी किताब मत खो देना ।
(श्री मनीष – ग्वालियर)
“गलती” जीवन का एक पन्ना है, पर “रिश्ता” पूरी किताब है ।
जरूरत पड़ने पर गलती का पन्ना फाड़ देना लेकिन एक पन्ने के लिये पूरी किताब मत खो देना ।
(श्री मनीष – ग्वालियर)