मानव की सोच – वह संसार का सर्वश्रेष्ठ जीव है।
सत्य यह है कि – यदि आज पृथ्वी पर कीड़े मकोड़े (जिनको वह तुच्छ मानता है) समाप्त हो जायें तो कुछ समय में मानव/संसार समाप्त हो जायेगा।
लेकिन सारे मानव समाप्त हो जायें तो संसार और बेहतर हो जायेगा।
(डॉ.पी.एन.जैन)
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4 Responses
गलत फ़हमी का मतलब जिसको स्वीकार नहीं करना। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि मानव की सोच कि वही सर्वश्रेष्ठ है, लेकिन यह सत्य है कि मानव जीवन के अतिरिक्त एक इन्दिय से लेकर पंच इन्दिय भी सोते हैं,जिनका महत्वपूर्ण स्थान जीवन में होता है। अतः जीवन में अपनी गलत फ़हमी को स्वीकार करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
प्रकृति में हर छोटे से छोटे जीव का महत्व/ सहयोग है।
उनके न रहने से प्रकृति नष्ट हो जायेगी !
पर मनुष्य तो प्रकृति को नष्ट करता ही आ रहा है उसके न रहने से तो प्रकृति सुधरेगी ही न !
4 Responses
गलत फ़हमी का मतलब जिसको स्वीकार नहीं करना। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि मानव की सोच कि वही सर्वश्रेष्ठ है, लेकिन यह सत्य है कि मानव जीवन के अतिरिक्त एक इन्दिय से लेकर पंच इन्दिय भी सोते हैं,जिनका महत्वपूर्ण स्थान जीवन में होता है। अतः जीवन में अपनी गलत फ़हमी को स्वीकार करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
“पृथ्वी पर कीड़े मकोड़े (जिनको वह तुच्छ मानता है) समाप्त हो जायें तो कुछ समय में मानव/संसार समाप्त हो जायेगा।” Is statement ko clarify karenge, please ?
प्रकृति में हर छोटे से छोटे जीव का महत्व/ सहयोग है।
उनके न रहने से प्रकृति नष्ट हो जायेगी !
पर मनुष्य तो प्रकृति को नष्ट करता ही आ रहा है उसके न रहने से तो प्रकृति सुधरेगी ही न !
Okay.