गुरु जो अधूरा न हो, वरना वह पहले अपनी प्रगति पर ध्यान देंगे।
पूर्ण गुरु जैसे भगवान कृतकृत्यः हो गये हैं, पर भगवान तो अब अपने में ही रहेंगे,
गुरु पूर्ण होकर, शिष्य की पूर्णता की ओर ध्यान देंगे।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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4 Responses
गुरु शब्द महान है,लोक में अध्यापक, माता पिता, जबकि मोक्ष मार्ग में आचार्य, उपाध्याय और साधु होते हैं। भगवान् अपने विकारों को समाप्त करके अर्हन्त भगवान् हो जाते हैं। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि गुरु अधुरा न हो, वह अपनी प़गति पर ध्यान देते हैं। जबकि पूर्ण गुरु जैसे भगवान् कृत कृत हो गये हैं, भगवान तो अपने में ही रहेंगे। अतः गुरु पूर्ण होकर शिष्य की पूर्णता की ओर ध्यान रखते हैं।
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गुरु शब्द महान है,लोक में अध्यापक, माता पिता, जबकि मोक्ष मार्ग में आचार्य, उपाध्याय और साधु होते हैं। भगवान् अपने विकारों को समाप्त करके अर्हन्त भगवान् हो जाते हैं। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि गुरु अधुरा न हो, वह अपनी प़गति पर ध्यान देते हैं। जबकि पूर्ण गुरु जैसे भगवान् कृत कृत हो गये हैं, भगवान तो अपने में ही रहेंगे। अतः गुरु पूर्ण होकर शिष्य की पूर्णता की ओर ध्यान रखते हैं।
पूर्ण गुरु kab bante hain aur kaunse gunasthan me bante hain ?
6-7वें गुणस्थान वाले गुरु जो अपने को तथा भक्तों को पूर्ण समय देते हों।
Okay.