गुरु / शिष्य

गुरु शिष्य से →
मैं आपका हूँ,
आपके कहने से,
मूर्छा मुक्त हूँ।
(शिष्य गुरु को अपना मानता है सो गुरु शिष्य के कहने से स्वीकारते हैं पर वे शिष्य के मोह में नहीं रहते)

आचार्य श्री विद्यासागर जी

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7 Responses

  1. आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने गुरु और शिष्य का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः शिष्य गुरु को अपना मानता है, वही शिष्य गुरु की बात मानते हैं!

  2. गुरु शिष्य के बीच में,
    नहीं मोह का बंध।
    ज्ञान दान देते रहें ,
    बना रहे आनंद।।

  3. Lekin, bracket me to likha hai ki शिष्य गुरु को अपना मानता है ? To kya ‘मैं आपका हूँ’, शिष्य, गुरु se nahin keh raha ?

    1. शिष्य गुरु को अपना मानता है इसीलिए तो गुरु स्वीकार कर रहा है कि मैं तेरा गुरु हूँ।

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