घनिष्टता
छोटा सा कंकड़ भी पानी में डूब जाता है, बड़ा भारी खंबा नहीं, क्योंकि कंकड़ की घनिष्टता ज्यादा होती है ।
पैसा थोड़ा हो, घनिष्टता ज्यादा, तो डूब जाओगे ।
शंकर न बन पाओ, पर कंकर मत बनना ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
छोटा सा कंकड़ भी पानी में डूब जाता है, बड़ा भारी खंबा नहीं, क्योंकि कंकड़ की घनिष्टता ज्यादा होती है ।
पैसा थोड़ा हो, घनिष्टता ज्यादा, तो डूब जाओगे ।
शंकर न बन पाओ, पर कंकर मत बनना ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
One Response
घनिष्ठता का तात्पर्य एक दूसरे से मिल जाना होता है। अतः आचार्य श्री का कथन सत्य है कि छोटा कंकड़ पानी में डूब जाता है, जबकि बड़ा भारी खंबा नहीं, इसमें कंकड़ की घनिष्ठता ज्यादा होती है। जब पैसा थोड़ा भी हो पर घनिष्ठता ज्यादा होगी ।
अतः शंकर न बन पाओ पर कंकड़ मत बनना ।