चिंतन
दिन में भोजन, रात को जुगाली। ऐसे ही दिन में अध्ययन और रात में जुगाली के रूप में अध्ययन का चिंतन होना चाहिए।
जो अध्ययन ज़्यादा करते हैं, वे प्रायः चिंतन के क्षेत्र में प्रमादी होते हैं।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
दिन में भोजन, रात को जुगाली। ऐसे ही दिन में अध्ययन और रात में जुगाली के रूप में अध्ययन का चिंतन होना चाहिए।
जो अध्ययन ज़्यादा करते हैं, वे प्रायः चिंतन के क्षेत्र में प्रमादी होते हैं।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि अध्ययन तो करते हैं लेकिन चिंतन नहीं करते हैं। शास्त्रों का अध्ययन करने के बाद चिंतन करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।