‘पर गर्भ से बाहर आने पर “जरायु*” नहीं रहता।’ Yahi भोगभूमज तथा तीर्थंकर गर्भज aur manushyon me difference hai, right ? What about ‘tiryanch’ ? Reply
अच्छा प्रश्न है, हाँ, साधारण मनुष्य से यही फर्क है। भोगभूमिज तिर्यंच के भी जरायु हट जायेगा क्योंकि उनके माता-पिता का भी तो जन्म देते ही मरण होता है। जरायु हटायेगा कौन ! Reply
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‘पर गर्भ से बाहर आने पर “जरायु*” नहीं रहता।’ Yahi भोगभूमज तथा तीर्थंकर गर्भज aur manushyon me difference hai, right ? What about ‘tiryanch’ ?
अच्छा प्रश्न है,
हाँ, साधारण मनुष्य से यही फर्क है।
भोगभूमिज तिर्यंच के भी जरायु हट जायेगा क्योंकि उनके माता-पिता का भी तो जन्म देते ही मरण होता है। जरायु हटायेगा कौन !
What about ‘तिर्यंच’ of ‘Karambhoomi’ ?
कर्मभूमि के पालतू तिर्यंच तो जरायु चाट-चाट कर हटाते हैं।
जंगली, जरायु बिना ही पैदा होते हैं।
Okay.
गर्भ से बाहर आने पर, ‘तीर्थंकर’, ke ‘जरायु’ kyun नहीं rehta hai?
तीर्थंकर प्रकृति का अतिशय है।
It is now clear to me.