शर्बत/कड़वी दवा लेने से मुँह झूठा हो जाता है, जल लेने से नहीं ।
कारण…
शर्बत – रागी, दवा – द्वेषी पर जल – वीतरागी ।
रागद्वेष झूठा है/झूठा करता है,
और उसे शुद्ध, वीतरागता से कर सकते हैं ।
चिंतन
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जल जीवन का आधार है, उसके बिना जी नहीं सकता है। अतः यह कथन सत्य है कि शर्बत ओर कड़वी दवा से मुंह झूठा हो जाता है लेकिन जल लेने से नहीं होता हैं।इसका सही कारण है कि शर्बत रागी है और दवा द्वेषी होता है जबकि जल वीतरागी है।
अतः राग-द्वेष झूठा है और झूठा करता है जबकि उसे शुद्ध,वीतरागता से ही कर सकते हैं। अतः जल वीतरागता होता हैं।
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जल जीवन का आधार है, उसके बिना जी नहीं सकता है। अतः यह कथन सत्य है कि शर्बत ओर कड़वी दवा से मुंह झूठा हो जाता है लेकिन जल लेने से नहीं होता हैं।इसका सही कारण है कि शर्बत रागी है और दवा द्वेषी होता है जबकि जल वीतरागी है।
अतः राग-द्वेष झूठा है और झूठा करता है जबकि उसे शुद्ध,वीतरागता से ही कर सकते हैं। अतः जल वीतरागता होता हैं।