यह कथन सत्य है कि जीव के गुण ज्ञान, दर्शन मुख्य/चेतन होते हैं लेकिन वैसे अनंत गुण भी होते हैं। जीव में चारित्र हो भी सकता है या नही भी हो सकता है। Reply
6 Responses
यह कथन सत्य है कि जीव के गुण ज्ञान, दर्शन मुख्य/चेतन होते हैं लेकिन वैसे अनंत गुण भी होते हैं।
जीव में चारित्र हो भी सकता है या नही भी हो सकता है।
What do we mean by “Chetan” guna, please?
ज्ञान,दर्शन गुण तो चेतन दिखते ही हैं,
प्रदेशत्व आदि अचेतन गुण भी होते हैं।
By “Chetan” guna, do we mean “life-like”?
सही,
चेतन-रूप ।
Okay.