ज्ञान – जानकारी देता है, आकर्षण का निमित्त बनता है ।
विज्ञान – उस ज्ञान को Analyse करके, भौतिक सुविधायें देता है ।
धर्म – उसी ज्ञान से हित/अहित की समझ देता है ।
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धर्म का मतलब सम्यग्दर्शन सम्यक्ज्ञान और सम्यग्चारित्र ही होता है या जीवों को संसार के दुखों से बचाकर मोक्ष में पहुंचाने का होता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि ज्ञान जानकारी देता है,आकर्षण का निमित्त बनता है, जबकि विज्ञान उस ज्ञान की खोज करके भोतिक सुविधाएं देता है, जबकि धर्म उसी ज्ञान से हित और अहित की समझ देता है। अतः जो ज्ञान धर्म की ओर ले जाता है वही जीवन का कल्याण कर सकता हैं।
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धर्म का मतलब सम्यग्दर्शन सम्यक्ज्ञान और सम्यग्चारित्र ही होता है या जीवों को संसार के दुखों से बचाकर मोक्ष में पहुंचाने का होता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि ज्ञान जानकारी देता है,आकर्षण का निमित्त बनता है, जबकि विज्ञान उस ज्ञान की खोज करके भोतिक सुविधाएं देता है, जबकि धर्म उसी ज्ञान से हित और अहित की समझ देता है। अतः जो ज्ञान धर्म की ओर ले जाता है वही जीवन का कल्याण कर सकता हैं।