ज्ञान / चरित्र

दीपक कमरे को प्रकाशित कर सकता है पर ताप नहीं दे सकता,
उसके लिये तो अग्नि प्रज्वलित करनी होगी।
सम्यग्दर्शन/ सम्यग्ज्ञान से कर्म जलेंगे नहीं, उसके लिये तो तपना ही पड़ेगा।

चिंतन

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4 Responses

  1. उपरोक्त कथन सत्य है कि सम्यग्दर्शन एवं सम्यक्ज्ञान से कर्म जलते नहीं उसके लिए तपना परम आवश्यक है!

  2. Yahan par ‘दीपक’ kya ‘सम्यग्दर्शन/ सम्यग्ज्ञान’ ka प्रतीक hai ?

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