तिलक
तिलक लगाने की परम्परा क्यों ?
आचार्य श्री विद्यासागर जी… ठंडी में केसर (गरम होती है) का, गर्मियों में चंदन में कपूर मिलाकर लगाने से गर्म/ ठंडा मस्तिष्क रहता है, ऊर्जा मिलती है, ध्यान लगाने में सहायक।
मुनि श्री विनम्रसागर जी
तिलक लगाने की परम्परा क्यों ?
आचार्य श्री विद्यासागर जी… ठंडी में केसर (गरम होती है) का, गर्मियों में चंदन में कपूर मिलाकर लगाने से गर्म/ ठंडा मस्तिष्क रहता है, ऊर्जा मिलती है, ध्यान लगाने में सहायक।
मुनि श्री विनम्रसागर जी
4 Responses
मुनि श्री विऩम सागर महाराज जी ने तिलक का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में तिलक का उदाहरण दिया गया है, उसका पालन करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
‘गर्मियों में चंदन में कपूर मिलाकर लगाने से गर्म/ ठंडा मस्तिष्क रहता है’; Is sentence ka kya meaning hai, please ?
सर्दियों में केसर लगाने से माथा गरम, गर्मीयों में चंदन लगाने से माथा ठंडा, तो फिर सर्दी गर्मी में माथा बैलेंस रहेगा/ ध्यान लगा पाएंगे।
Okay.