तुल्य: जो तौला जा सके।
किस अपेक्षा से?
दूसरे के पद/धन/रूप आदि की अपेक्षा।
अपने अतुल्य को पहचानो! दो अतुल्यों को कैसे तौल पाओगे?
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2 Responses
तुलना के रुप अलग अलग होते हैं । अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि तुलना किस प्रकार की जाए,दुसरों की अपेक्षा,या पद,धन या रुप से। अतः अपने अतुल्य को पहिचानो, इसमें दो अतुल्य को पहिचान करने की आवश्यकता है, ताकि जीवन सार्थक हो सकता है।
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तुलना के रुप अलग अलग होते हैं । अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि तुलना किस प्रकार की जाए,दुसरों की अपेक्षा,या पद,धन या रुप से। अतः अपने अतुल्य को पहिचानो, इसमें दो अतुल्य को पहिचान करने की आवश्यकता है, ताकि जीवन सार्थक हो सकता है।
Very nice !!!!but hum hamare atulya nidhi ki or drasti hi kaha rakh pate hai yehi toe vidambna hai