तेरहवीं और मुंड़न

जैन परम्परा/शास्त्रों में प्रियजनों के मरण पर तेरहवीं और मुंड़न की प्रथा नहीं है ।

मुनि श्री सुधासागर जी

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One Response

  1. यह सही है कि जैन धर्म में तेरहवीं ओर मुंडन का उल्लेख नहीं है लेकिन मृत्यु के बाद सूतक का प़ाबधान है।सूतक में मन्दिर जा सकते हैं लेकिन पवित्र वस्तूओं को छूने का अधिकार नहीं है।तेरहवें दिन विधान करके सूतक समाप्त हो जाता है।आजकल तेरहवें दिन भोजन कराते हैं जिसका निषेध होना चाहिए।

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