त्याग
एक सत्संगी भाई ने सपना देखा – एक गुंड़े ने उनकी ज़ेब से धूप का चश्मा निकाल लिया ।
उनकी आंख खुल गयी, वे विचार करने लगे और चश्मे का त्याग कर दिया ।
एक सत्संगी भाई ने सपना देखा – एक गुंड़े ने उनकी ज़ेब से धूप का चश्मा निकाल लिया ।
उनकी आंख खुल गयी, वे विचार करने लगे और चश्मे का त्याग कर दिया ।