दक्षिण में धर्म
चंद्रगुप्त मौर्य के सपनों के अनुसार दक्षिण में धर्म रहेगा ।
उत्तर में अकाल पड़ने पर आचार्य श्री भद्रबाहु जी 12 हजार शिष्यों के साथ दक्षिण ही गए थे ।
आज भी वहाँ धर्म, उत्तर से ज्यादा है ।
पर सारे तीर्थंकर उत्तर में पैदा हुए, ऐसा कैसे ?
नदी उद्गम पर पतली ही रहती है ।
मुनि श्री प्रमाण सागर जी
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि चंद्रगुप्त मौर्य के सपनों के अनुसार दक्षिण में धर्म रहेगा,इस कारण उत्तर भारत में अकाल पड़ने पर आचार्य भद़बाहु अपने शिष्यों के साथ दक्षिण की ओर चले गए थे। अतः दक्षिण में अभी भी धर्म की प़भावना विद्यमान है।यह सही है कि तीर्थंकर उत्तर में ही पैदा हुए थे क्योंकि नदी उद्वम पतली ही रहती है। आजकल श्री आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी दक्षिण से आकर ही उत्तर भारत में भी अधिक प़भावना हो रही है।