दया के अभाव में शेष गुण कार्यकारी नहीं,
दया गुण रूपी माला का धागा है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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आचार्य श्री विधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि दया के अभाव में शेष गुण कार्यकारी नहीं होते हैं, दया गुण रुपी माला का धागा होता है! अतः जीवन का कल्याण करना हो तो भगवान महावीर स्वामी का सिद्धांत, दया रखना चाहिए! दया धर्म का मूल मंत्र है!
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आचार्य श्री विधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि दया के अभाव में शेष गुण कार्यकारी नहीं होते हैं, दया गुण रुपी माला का धागा होता है! अतः जीवन का कल्याण करना हो तो भगवान महावीर स्वामी का सिद्धांत, दया रखना चाहिए! दया धर्म का मूल मंत्र है!