दर्पण
दर्पण निहारना – माने हारना ।
(अशाश्वत/नश्वर शरीर के हाथों, शाश्वत/नित्य आत्मा की अस्वीकृति)
आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी
दर्पण निहारना – माने हारना ।
(अशाश्वत/नश्वर शरीर के हाथों, शाश्वत/नित्य आत्मा की अस्वीकृति)
आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी
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Excellent!