इन धर्मों के लक्षण ज्यादा महत्वपूर्ण हैं,
जिस व्यक्ति में ये दस लक्षण दिखें वो धर्मात्मा, न कि क्रियायें करने वाला ।
जो धर्म के लक्षण हैं, वही धर्मी के लक्षण होते हैं जैसे – जिसके पास धन, वह धनी ।
धर्मों के साथ “उत्तम”, सम्यग्दर्शन के होने पर ही लगता है ।