यह कथन सत्य है कि दुख बाहर से आता है लेकिन अपने मन में बिठाने के कारण वह हमेशा दुखी रहता है।यदि कर्म सिद्धान्त पर विश्वास रखता है तो निश्चय ही मन में सुख की अनुभूति होगी।जीवन में सुख दुख आते रहते हैं लेकिन धर्म पर आस्था होगी तभी सुख का ओर शान्ती का अनुभव होगा।
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यह कथन सत्य है कि दुख बाहर से आता है लेकिन अपने मन में बिठाने के कारण वह हमेशा दुखी रहता है।यदि कर्म सिद्धान्त पर विश्वास रखता है तो निश्चय ही मन में सुख की अनुभूति होगी।जीवन में सुख दुख आते रहते हैं लेकिन धर्म पर आस्था होगी तभी सुख का ओर शान्ती का अनुभव होगा।