दु:ख में व्यवहार

आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जब कभी समस्या में होते हैं तो खूब हँसते/हंसाते हैं, जैसे सुदामा ने अपनी परेशानियाँ श्री कृष्ण को पूछने पर भी बतायीं नहीं थीं ।

मुनि श्री समयसागर जी

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  1. आचार्य श्री विद्यासागर महाराज कभी भी सुख दुख में विचलित नहीं हुऐ हैं बल्कि हंसते व हंसाते रहे हैं ।महाराज मोक्ष मार्ग पर बढ रहे हैं जिसमें किसी प़कार की आकुलता नहीं है।जो आकुलता के भाव नहीं रखते हैं वही लोग मोक्ष मार्ग पर चलने में समर्थ होते हैं।श्री कृष्ण भी उन्ही विभूतियों में से हैं जिनको किसी प़कार की आकुलता नहीं थी।अतः उचित होगा कि धर्म के रास्ते पर चलने का प़यास करें तभी कल्याण होगा।

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