पहले गुणस्थान में मिथ्यात्व के भाव, चौथे में सम्यक्त्व के। तो दूसरे/ तीसरे में ? मिथ्यात्व के संस्कार!
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने दूसरा तीसरा गुणस्थान का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
‘Samyaktva’ ke sanskaar kaunse gunasthaan se shuru hote hain ? Ise clarify karenge, please ?
4th se
Okay.
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4 Responses
मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने दूसरा तीसरा गुणस्थान का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
‘Samyaktva’ ke sanskaar kaunse gunasthaan se shuru hote hain ? Ise clarify karenge, please ?
4th se
Okay.