देवों के बाल

इसके 2 मत हैं ।
श्री आदिपुराण ने देवों के बाल माने हैं, अन्य ने नहीं ।

मुनि श्री सुधासागर जी

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2 Responses

  1. उक्त कथन मैंने न पढ़ा है,न ही किसी मुनि के मुख से सुनने में आया है। उक्त उदाहरण सही होगा।

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