देशना
सम्यग्दर्शन पाँच लब्धियों से, जिसमें तीसरे नम्बर पर देशना लब्धि है यानि उपदेश सुनना जरूरी ।
लब्धिसार ग्रंथ में लिखा है कि उपदेश सुनना या गुरुओं के सानिध्य से भी देशना-लब्धि हो सकती है ।
फिर प्रवचन क्यों ?
क्योंकि प्राय: लोग स्वभाव/सानिध्य से सीख नहीं पाते हैंं।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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देशना का मतलब समीचीन धर्म का उपदेश देना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि सम्यग्दर्शन पांच लब्धियों से, जिसमें तीसरे नंबर पर देशना लब्धि है, यानी उपदेश सुनना आवश्यक है। उपदेश सुनना या गुरुओं के सानिध्य में देशना लब्धि हो सकती है। अतः प़ायः लोग स्वभाव या सानिध्य में प्राप्ति नहीं कर सकते हैं।