द्रढ़ता
एक ग़रीब बुढ़िया मंदिर बनवाना चाहती थीं।
पैसे कितने हैं ?
2 रुपये ।
इसमें मंदिर कैसे बनेगा ?
2 रुपयों के साथ 2 चीज़ें और हैं –
1. मेरा भगवान
2. उस पर मेरा विश्वास
और पिसनहारी का मंदिर बन ही गया, जबलपुर में।
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि किसी भी कार्य करने के लिए द्वढता यानी मजबूत विचार एवं संकल्प होना परम आवश्यक है। अतः मुनि महाराज श्री क्षमासागर का कथन सत्य है कि एक गरीब बुढ़िया ने मन्दिर बनाने का द्वढ संकल्प लिया था तभी पिसनहारी का मन्दिर बनाने में सफलता प्राप्त हुई थी,वह बुढ़िया बहुत गरीब थी चक्की चला चला कर ही धन अर्जित किया था। इससे हर प्राणी को समझना चाहिए ताकि जीवन में द्वढता एवं संकल्प का भाव होना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।