द्विदल

भोजन में 3 पदार्थों का प्रयोग होता है – काष्ठ, तेल युक्त (जैसे तिलादि), और अन्न ।
द्विदल दोष दही के साथ सिर्फ दलहन दाल (अन्न) का ही होता है ।

मुनि श्री सुधासागर जी

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  1. मूंग, चना, उडद आदि जिस धान्य के दो दल अर्थात दो भाग हो जाते हैं, उसे दही या छाछ के साथ मिलाने पर वह द्विदल कहलाता है जो अभक्ष माना जाता है। जैन धर्म में इसके सेवन को निषेध माना गया है क्योंकि इसमें सूक्ष्म जीव पैदा हो जाते हैं।

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