धर्म ध्यान से अभाव मिटे ना मिटे, पर स्वभाव परिवर्तित होने से समभाव ज़रूर आता है ।
Share this on...
One Response
यह कथन बिलकुल सत्य है – – –
धर्म ध्यान से, स्वभाव में परिवर्तन से समभाव, ज़रूर आ जाता है ।अतः धर्म ध्यान करना आवश्यक है; इससे दुःख कष्ट नहीं मिटेंगे, लेकिन उसको सुधारने के साधन, अवश्य मिल जाते हैं ।
One Response
यह कथन बिलकुल सत्य है – – –
धर्म ध्यान से, स्वभाव में परिवर्तन से समभाव, ज़रूर आ जाता है ।अतः धर्म ध्यान करना आवश्यक है; इससे दुःख कष्ट नहीं मिटेंगे, लेकिन उसको सुधारने के साधन, अवश्य मिल जाते हैं ।