धर्म / शारीरिक कष्ट
क्या शरीर को कष्ट देकर धर्म करना सही है ?
नहीं, धर्म से तो शारीरिक कष्ट सहने की शक्ति आती है ।
उस शक्ति को बढ़ाने के लिए, क्षमतानुसार शरीर को कष्ट देते हुए,समता-भाव पूर्वक धर्म-ध्यान करना चाहिए ।
क्या शरीर को कष्ट देकर धर्म करना सही है ?
नहीं, धर्म से तो शारीरिक कष्ट सहने की शक्ति आती है ।
उस शक्ति को बढ़ाने के लिए, क्षमतानुसार शरीर को कष्ट देते हुए,समता-भाव पूर्वक धर्म-ध्यान करना चाहिए ।
One Response
यह कथन बिलकुल सत्य है – –
धर्म से जुड़कर, आसानी से कष्ट सहने की शक्ति मिलती है ।
धर्म से जुड़कर, आसानी से आत्मा की पहचान कर लेने पर, शारीरिक कष्ट की अनुभूति नहीं होती है एवम् आत्म-कल्याण कर सकेंगे ।