धर्मात्मा
रावण 8 घंटे पूजादि करता था,
पर बाकि 16 घंटे भगवान के बताये मार्ग से विपरीत आचरण करता था,
इसलिये दुर्गति पायी ।
मुनि श्री सुधासागर जी
रावण 8 घंटे पूजादि करता था,
पर बाकि 16 घंटे भगवान के बताये मार्ग से विपरीत आचरण करता था,
इसलिये दुर्गति पायी ।
मुनि श्री सुधासागर जी