धर्म की इमारत

दया/ सेवा नींव है।
Ritual इमारत, Spirituality शिखर।
बिना नींव के इमारत बनेगी नहीं, सिर्फ नींव इमारत कहलायेगी नहीं ।
बिना शिखर के धार्मिक इमारत नहीं कहलायेगी।

चिंतन

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One Response

  1. चिंतन में धर्म की इमारत का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः धर्म की नींव मजबूत होनी चाहिए ताकि इमारत खडी रह सकती है एवं शिखर भी होना चाहिए ताकि धार्मिक इमारत कहलाने के योग्य होगी।

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