धर्म की राह

नदी जिन पत्थरों की सहायता से अपनी राह बनाती है, वे ही पत्थर उसकी राह में अवरोध पैदा करने लगें तो उनको तोड़ देती है ।

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3 Responses

    1. हमको धर्म की राह पर लगाने वाले, हमारे प्रियजन होते हैं ।
      यदि आगे चलकर, वे ही धर्म के रास्ते पर, बढ़ने में बाधक बन जाएँ तो, उनको छोड़ देना चाहिए ।

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