बहुत सुंदर कथन है कि, “अधर्म से बचना ही धर्म है” ।धर्म से जुडकर रहोगे, तो आपकी बुराईयों एवम् दुःखों से मुक्ति, अवश्य मिलेगी ।इसके साथ भावों में पवित्रता भी आ जावेगी ।धर्म में श्रद्धा एवम् भावना रखते हुए, चारित्र का प्रयास करने से ही, आपका भविष्य कल्याणमय रहेगा ।
One Response
बहुत सुंदर कथन है कि, “अधर्म से बचना ही धर्म है” ।धर्म से जुडकर रहोगे, तो आपकी बुराईयों एवम् दुःखों से मुक्ति, अवश्य मिलेगी ।इसके साथ भावों में पवित्रता भी आ जावेगी ।धर्म में श्रद्धा एवम् भावना रखते हुए, चारित्र का प्रयास करने से ही, आपका भविष्य कल्याणमय रहेगा ।