निंदक नियरे राखिए…
कोई चोर आपके घर में घुसे, सोने चाँदी को तो देखे भी नहीं, आपके घर की गंदगी उठा ले जाए तो आपको दु:ख होगा क्या ?
इसी तरह यदि कोई आपके गुणों को तो देखे नहीं, सिर्फ़ अवगुण ग्रहण करे तो आप दुखी होंगे क्या ?
दूसरा आपके हिस्से परोपकार भी आएगा क्योंकि वह अवगुणों का बखान करके खुश हो रहा है।
यदि आप अपना अपमान समझते हो तो यह तो आपने खुद अपनी आत्मा का अपमान किया, बार-बार उसका चिंतन करके।
आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी(23 सितम्बर)
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने निंदक नियरे राखिये को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए निंदक को साथ रखना परम आवश्यक है, ताकि जीवन में सुधार हो सकता है।