निगोदिया

2 मत हैं –

  1. साधारण वनस्पति कायिक
  2. पर आ. श्री विद्यासागर जी की असहमति है…
    क्योंकि निगोदिया…

    • • वनस्पति रूप नहीं हैं
      • योनियाँ भी वनस्पति और निगोदिया की अलग अलग बतायी गयीं हैं ।

मुनि श्री सुधासागर जी/पं रतनलाल बैनाड़ा जी

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