निजपद

निजपद दीजै मोहि…..
1. निजपद = भगवान का पद
2. निजपद = निज (स्वयं) + पद (पैर) = अपने पैरों पर खड़ा होना/ स्वावलम्बी होना।

निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी

Share this on...

2 Responses

  1. मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने निजपद को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

December 27, 2024

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031