निमित्त / धर्म / साधक
निमित्त 2 प्रकार के – जैसे घड़े के लिए…
1) साधन रूप – चाक,
2) उपादान रूप – मिट्टी का लोंदा ।
ऐसे ही साधक के लिये देव/गुरु/शास्त्र धर्म के साधन रूप निमित्त हैं, हालांकि इनका धर्म भक्त के काम नहीं आयेगा,
पर इनके बिना भी साध्य प्राप्त नहीं किया जा सकता है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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निमित्त और साधना के लिए धर्म ही सहायक होते हैं।जैसे घड़े के लिए साधन चाक होता है और उपादान रुप मिट्टी का लोंदा होता है, इसी प्रकार साधक के लिए देव/गुरु और शास्त्र साधन रुप निमित्त होते हैं।अतः बिना धर्म के आश्रय से साध्य प़ाप्त नहीं किया जा सकता है।