नियति = समय की अपेक्षा काललब्धि। भव्यत्व = अंतरंग क्षमता। पर सिर्फ नियति/ नियतिवाद को मानना मिथ्यात्व है।
क्षु.श्री जिनेन्द्र वर्णी जी
नियति एवं भव्यत्व का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
Can relevance of ‘भव्यत्व’ to the post be explained, please ?
कार्य की पूर्णता के लिए काललब्धि के साथ साथ भव्यत्वता भी महत्वपूर्ण है।
Okay.
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4 Responses
नियति एवं भव्यत्व का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
Can relevance of ‘भव्यत्व’ to the post be explained, please ?
कार्य की पूर्णता के लिए काललब्धि के साथ साथ भव्यत्वता भी महत्वपूर्ण है।
Okay.