पूर्ण को निश्चय कहते हैं, चिंतन/चिंता समाप्त,
जब विश्राम मांगने लगे – शुद्धोपयोग/ यथाख्यात चारित्र होने वाला है।
मुनि श्री सुधासागर जी
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निश्चय धर्म अटल होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि पूर्ण को निश्चय कहते हैं, जिसमें चिंतन और चिंता समाप्त हो जाती हैं, जब विश्राम मांगने लगे,शुद्वोपयोग यथास्खात चारित्र होने वाला है।
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निश्चय धर्म अटल होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि पूर्ण को निश्चय कहते हैं, जिसमें चिंतन और चिंता समाप्त हो जाती हैं, जब विश्राम मांगने लगे,शुद्वोपयोग यथास्खात चारित्र होने वाला है।