दीपक का जीवन इसलिए वंदनीय नहीं है कि वह जलता है,
अपितु इसलिये वंदनीय है क्योंकि वह दूसरों के लिए जलता है,
दूसरों से नहीं जलता..!
(मंजू)
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यह कथन सत्य है कि दीपक का जीवन इसलिये वंदनीय नहीं है कि वह जलता है लेकिन बंदनीय इसलिये है कि वह दूसरो के लिए जलता है, जब कि दूसरो को नही जलाता है।दीपक परोपकार का कार्य करता है, अतः वह बंदनीय कहलाता है।
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यह कथन सत्य है कि दीपक का जीवन इसलिये वंदनीय नहीं है कि वह जलता है लेकिन बंदनीय इसलिये है कि वह दूसरो के लिए जलता है, जब कि दूसरो को नही जलाता है।दीपक परोपकार का कार्य करता है, अतः वह बंदनीय कहलाता है।