पर्याय का ज्ञान होना बाधक नहीं है,
पर्याय में मूढ़ता का आ जाना बाधक है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने पर्याय का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में मूढता के भाव नहीं रखना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने पर्याय का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में मूढता के भाव नहीं रखना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
‘पर्याय में मूढ़ता का आ जाना’ ka example denge, please?
तुम्हारी मनुष्य पर्याय है, ज्ञान होता है/ बुरा भी नहीं है।
शरीर पर्याय को ही निधि मानना मूढ़ता है।
Okay.